नाहरगढ़ फोर्ट के बारे, इतिहास, घूमने की जानकारी, समय, टिकट प्राइस
Read More - हवा महल - जयपुर की अद्भुत वास्तुकला का प्रतीक, इतिहास
नाहरगढ़ फोर्ट जयपुर का एक ऐतिहासिक फोर्ट है जिसमें 9 से कक्ष बनाए गए हैं जिनमें रानियां उसे समय रहा करती थी जो की दिखने में एकदम सामान है, क्योंकि यहां के राजा की नौ रानियां थी और राजा अपनी हर एक रानी को खुश करने के लिए सारे महल से बनाए थे। इस किले के पीछे एक ऐतिहासिक कहानी भी है और इसी वजह से इस किले को हांटेड किला भी कहा जाता है।
नाहरगढ़ फोर्ट कैसे पहुंचे
दोस्तों नाहरगढ़ फोर्ट जयपुर में स्थित है तो सबसे पहले आप जयपुर बाय रेल फ्लाइट और पर्सनल कर बुक करके जयपुर आ सकते हैं और जयपुर की रेलवे स्टेशन से नाहरगढ़ फोर्ट की डिस्टेंस 18 किलोमीटर है जिससे आप ऑटो रिक्शा या फिर कोई ऑनलाइन सीएबी बुक करके नाहरगढ़ फोर्ट तक पहुंच सकते हैं।
Nahargarh Fort Ticket Prices, Timing - नाहरगढ फोर्ट प्रवेश शुल्क, समय
Read More - जल महल जयपुर का इतिहास, घूमने की जानकारी
दोस्तों नो गेट फोर्ड एंट्री फीस के लिए आपको बता दूं कि यहां पर तीन चार ऐसे स्पेसिफिक दिन है जहां पर आपको फ्री एंट्री मिलती है यदि आप 30 मार्च, 18 अप्रैल,18 मई और 23 सितंबर के दिन आते हो तो यहां पर एंट्री फी नहीं ली जाती। टिकट प्राइस नाहरगढ़ किले के लिए₹50 है प्रति व्यक्ति अगर दोस्तों आपके पास कोई वैलिड स्टूडेंट आईडी कार्ड है तो आप इसमें एंट्री करने के लिए केवल ₹20 दे सकते हो प्रति व्यक्ति के लिए। और इस किले में आप सुबह 10:30 बजे से लेकर शाम तक 5:00 की किसी भी समय आ सकते हो।
नाहरगढ़ फोर्ट का इतिहास
इस किले का निर्माण सन् 1734 में राम सिंह ने किया था, और 1800 है किला पूरा हुआ, और जिस राजा के लिए इसके लिए का निर्माण करवाया जा रहा था उसे राजा के नौ रानियां थी तो इसी वजह से इसमें 9 अलग-अलग से दिखने वाले कक्ष बनाए गए। अरे पैलेस के अलग-अलग नाम दिए गए इसके बारे में हम आगे जानेंगे।
नाहरगढ़ फोर्ट में घूमने की अच्छी जगह
दोस्तों इस किले में इंटर करते ही आपके यहां पर एक बड़ा चौक दिखाई देगा और दोस्तों बताया जाता है कि यहां के जो राजा थे जो पुराने समय में यहां के खिड़कियों और झरोखों में बैठकर यहां पर होने वाले सभी कार्यक्रम को देखा करते थे। और दोस्तों यहां के जो कक्ष बनाए गए हैं उनकी जो डिजाइनिंग है वह 150 साल पुरानी है और इसमें अलग-अलग पुरानी पेंटिंग भी लगाई गई है।
और भी जो आप एरिया देख रहे हो यह रानी का किचन हुआ करता था आज और इसी चिमनी के नीचे बैठकर रानी की दसिया खाना पकाया करती थी, जिसका घुआ इस चिमनी से होते हुए बाहर की ओर जाता था। और यहीं पर किचन के सारे इक्विपमेंट रखे गए जो कि पुराने समय में उसे हुआ करते थे जो कि आप यहां जाकर आराम से दे सकते हैं।
अब दोस्तों किचन के जैसा सामने है या पुरानियों का बाथरूम दिखाई देगा और बाथरुम अंदर से बना हुआ है जो कि आप देख सकते हो और यहां पर छोटे-छोटे हॉल भी कर गए हैं ताकि यहां से हवा और रोशनी अंदर आ सके। और यहां पर लेट बाथरूम अटैच वाले सिस्टम बनाए गए थे। दोस्तों यहां पर रानियां के दशन के लिए भी अलग-अलग रूम और ड्रेसिंग रूम और बाथरूम जैसे सुविधा बनाई गई थी।
दोस्तों ठीक बाहरी आपको एक पाइप दिख जाएगा और जब बरसात आई है तो इस पाइप का सारा पानी यहां नीचे रख एक कुएं में एकत्रित हो जाता है जिसको आप जाली रखे हुए के नीचे से देख सकते हो और जो इसका पानी है इसी निहरगढ़ किले के सामने बने बावरी में जाता था।
दोस्तों राजा ने घर रानियां के सुख के लिए गर्मियों और सर्दियों में रहने के लिए अलग-अलग मंजिल बनाई थी जैसे कि पहले मंजिल पर रानियां सर्दी के मौसम में आसानी से रह सकते हैं और गर्मियों की दिनों में रानी ऊपर जाकर खुले में कमरे बने हुए हैं उसमें रह सकते हैं जैसा कि आप पिक्चर में देख पा रहे हो।
और इसकी विशेष बतिया है कि ऊपर वाली मंजिल और नीचे वाली मंजिल के सारे बेडरूम और रानियां के ड्रेसिंग रूम और दशन के ड्रेसिंग रूम दिखने में खूब बहुत समान हे। यह दूसरी मंजिल जयपुर से 600 फीट की ऊंचाई पर है जहां से आप जयपुर की सिटी को पूरा देख सकते हो और साथ ही साथ यहां से आपको जंतर मंतर भी दिखाई देता है।
कुछ तो यहां पर जो सभी कक्षा है वह एक दूसरे से कनेक्ट है जहां पर हम या फिर कोई भी आदमी यहां से वहां आसानी से जा सकता है और जो यह बेडरूम और टॉयलेट है वह भी ऊपर एक्स्ट्रा से बनाए गए हैं जैसा कि आप ऊपर जाकर आराम से देख सकते हो।
यहां पर जो आप जब घूमने जाओगे तो आपको छोटी-छोटी दो खिड़कियां दिखाई देगी जहां से जो में रानी होती थी वह राजा को आते हुए और जाते हुए और साथ ही साथ यहां के जो सभी कार्यक्रम को यहां से देखा करती थी। यहां पर रास्ते ऐसे कंपलेक्स तरीके से बनाए गए हैं ताकि एक रानी दूसरी रानी की शिकायत ना करें राजा के बारे में जब भी वहां मिलने आते थे तो।
अब दोस्तों अभी जो वीडियो देख रहे हो यह इस महल के ऊपर का टॉप व्यू है जहां से आप यहां के जो 9 महल बनाए गए हैं वह आप आसानी से देख सकते हो कि कैसे अलग-अलग स्ट्रक्चर में बनाए गए है। और यहीं से आप पूरा जयपुर शहर देख सकते हो।
निष्कर्ष - Final Words
Read More - उदयपुर की बागोर की हवेली का इतिहास, घूमने का समय, एंट्री फीस
Read More - उदयपुर के सिटी पैलेस की जानकारी, इतिहास
तो दोस्तों आस करता हु की आपको ये जानकारी जरूर पसंद आई होगी और भी इसी ही जानकारी जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट पेज को फॉलो करे, और दोस्तों इसके आगे की जयपुर के बारे यात्रा की जानकारी हम आपको जल्दी ही प्राप्त करवाएंगे तो आप हमारा वेबसाइट को फॉलो जरूर करे।
