Kedarnath Yatra 2025 - Tips for Travel Guide in Hindi

Kedarnath Yatra 2025 in Hindi 

दोस्तों अगर आप भी केदारनाथ जाने के लिए सोच रहे हैं तो इस ब्लॉग आप के लिए ही होने वाला है जहां मैं आपको बताऊंगा, Kedarnath Yatra 2025 यात्रा में होने वाला खर्च, ठहरने के लिए सही जगे और साथ ही साथ यात्रा में लगने वाले समय के बारे और आपको बताऊंगा, केदारनाथ में यात्रा करने का सही समय। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केदारनाथ की यात्रा साल में सिर्फ 6 महीने ही होती हैं बर्फ पिघलने के बाद मई के महीने में मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए खोल दिये जाते हैं जो की अक्टूबर या नवंबर महीने तक खुले रहते हैं। 

Kedarnath Yatra Registration 2025

भोले बाबा के दर्श और यात्रा में जाने से पहले आपको प्री ऑनलाइन बुकिंग करवानी होती है जो कि ऑनलाइन फॉर्म के द्वारा होती और अगर आपको Offline Registration करवाना हो तो आप ऋषिकेश, ISBT, सोन प्रयाग, गोविंदघाट और बहुत सी जगह जो प्रशासन ने बना रखी है उस पर Direct जाकर भी Registration करवा सकते हैं। 

Online Registration for Kedarnath Yatra 2025 

Kedarnath Yatra में होने वाली प्रॉब्लम 

अब तो हर साल केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिलता जा रहा जिससे लोगों को यात्रा के दोरान बहुत ही प्रॉब्लम होती है जैसे की ट्रांस्पोर्टेशन का खर्च और रहने के लिए होटलों का खर्च बढ़ जाता है और खाने पीने की छोटी मोटी चीजों के दाम आसमान छू लेते हैं कभी कभी तो सरकार के द्वारा रजिस्ट्रेशन के टाइम को रोक दिया जाता है। 

दोस्तों इस ब्लॉग के माध्यम से में आपको ये बताना चाहता हु कि अगर बस घूमने के लिए का रहे है तो ना जाए क्योंकि जो गरीब और बोड़े बड़े आस्था के साथ भगवान शेव के दर्शन के लिए जा रहे हैं वो महंगाई बढ़ने के कारण दर्शन करने में असमर्थ हो जाते हैं और अब तो मंदिर के चारों और भी सब कमाने के लिए ही बैठे हुए हैं कि, वहां पर जो पैसे देगा। सुविधा उसी को मिलेगी। 

केदारनाथ यात्रा के दौरान घूमने लायक अच्छी जगह 

केदारनाथ यात्रा करने के लिए आपको बस याद रखने होंगे इन तीन जगहों के नाम हरिद्वार, सोनप्रयाग और गौरीकुंड क्योंकि भारत में आप कहीं भी रखते हूं आप ट्रेन और बस की माध्यम से हरिद्वार तक आराम से आ सकेंगे और फिर आपको हरिद्वार स्टेशन से ही 700 से 800 रुपयों में आसानी से बस मिल जाएगी जो की ऋषिकेश होते हुए आपको सोनप्रयाग पहुंचा देगी। 

और इसके बाद सोनप्रयाग से 5 किलो मीटर दूर गौरी कुंड आप शेरिंग जीप के माध्यम से पहुँच जाएंगे और यहां से शुरू होगी आपकी बाबा केदारनाथ यात्रा जो कि 16 किलो मीटर होती है गौरीकुंड से लगभग 4 किलो मीटर चलने के बाद जंगल चट्टी पड़ता है जहां आप आराम से खाना पीना कर सकते हैं और फिर लगभग 1 किलो मीटर आगे भीमबली स्थान पड़ेगा जहां से खच्चर का रास्ता अलग हो जाता है और फिर 1 किलो मीटर दूर ही पड़ेगा रामबाड़ा जहां से शुरू होती है असली चढ़ाई। जो कि इस यात्रा का सबसे कठिन पड़ाव है क्योंकि चढ़ाई के साथ साथ सांस भी फूलने लगती है इसलिए अगर आप स्वस्थ हों तो ही इस यात्रा पर जाए। 

महादेव मंदिर का रास्ता 

वैसे बाबा के केदारनाथ मंदिर तक जाने के लिए अनेकों तरीके हैं जैसे की पहला, हेलिकॉप्टर अगर आप चढ़ाई करने में असमर्थ हैं तो हेलिकॉप्टर का सहारा ले सकते है हेलिकॉप्टर की सुविधा कुल तीन स्थानों पर उपलब्ध हैं अलग-अलग स्थानों से हेलिकॉप्टर ले जाने की रेट अलग-अलग हैं आने जाने का किराया लगभग 7,500 रुपए होता है। 

दूसरा साधन है पालकी, पालकी से भी आप मंदिर जा सकते है जिसमें 4 लोग आपको एक पालकी पे बैठा कर ले जाते है और इसके लिए आपको लगभग 10,000 रुपए आने जाने के लिए देने पड़ेंगे। तीसरा तरीका है खच्चर इन जानवरों के उपर बिठा कर आपको ले जाया जाता है जो की सबसे बेकार तरीका है क्योंकि पैसों के लिए लोग इनको मशीन की तरह यूज करते हैं और वैसे भी किसी को दुख दे कर क्या ही यात्रा करनी बेजुबान भी बद्धूआ देते हैं। 

और चौथा तरीका है पिट्ठू और इसमें एक आदमी छोटे बच्चों और सामान को अपनी पीठ पर ले जाता है और इसका रेट वजन के हिसाब से अलग होता है। इन सब की अलावा भी अब आने वाले सालों में आपको रोप वे की सुविधा देखने को मिल जाएगी जिसकी कंस्ट्रक्शन भी स्टार्ट हो गई है।

केदारनाथ यात्रा के दौरान ठहरने की व्यवस्था 

इसके अलावा आप सोनप्रयाग या गौरीकुंड कहीं भी रुक सकते हैं सोनप्रयाग में सुविधा थोड़ी अच्छी मिलेगी आपको और फिर यात्रा के एंड में जोकी है बेस कैम्प में आप ठहर सकते हैं जिसकी दूरी मंदिर से डेट किलो मीटर पड़ेगी बेस कैम्

इसकी ओनलाइन वेबसाइट पर जाकर आप ओनलाइन बुकिंग कर सकते हैं और अगर बुकिंग ना मिले तो लास्ट में मंदिर के आसपास के होटलों के ही ओप्शन रह जाते हैं जो के बहुत ज्यादा चार्ज करते हैं और पीक टाइम पर ये चार्ज 8-10 हजार रुपए तक लग जाते है। 

यात्रा के दौरान कुछ जरूरी सामान अपने साथ लेकर जाएं जैसे की छाता, रेनकोट, विंटर जैकिट, सॉक्स और कैप इसके अलावा कंफर्टेबल शूज, एक छोटा सा पालीथीन बैब जिसमें आप छोटा मोटा कोड़ा करकर डाल सकते हैं क्योंकि यात्रा के दौरान गंदगी नहीं फैलानी चाहिए। 

यात्रा करने में कम से कम तीन दिन मान कर चलें लेकिन चार दिन मान कर चलना ज्यादा सही रहेगा। जिसमें पहला दिन हरिद्वार से सोन प्रयाग या गौरी कुंड के लिए, दूसरा दिन गौरी कुंड से केदारनाथ बेस कैम्प के लिए और तीसरा और चोथा दिन मंदिर से। 

निष्कर्ष 

तो दोस्तों आज के आर्टिकल में इतना ही आसा करता हु की आपको ये जानकारी जरूर पसंद आय होगी, और इसी ही जानकारी को प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइटर के नोटिकेशन को ऑन रखे। 

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