जल महल जयपुर का इतिहास, घूमने की जानकारी

जयपुर के जल महल के बारे में


दोस्तों कैसे हो आप सब आशा करता हूं कि आप सब ठीक होंगे तो दोस्तों आज के इस ब्लॉक पोस्ट में मैं आपको जयपुर के एक खूबसूरत पर्यटन स्थल जल महल जयपुर का इतिहास, घूमने की जानकारी दूंगा और आप भी घूमने फिरलने के शौकीन है तो आप इस ब्लॉग को पूरा पढ़े और अगर पसंद आय तो इसे आगे जरूर शेयर करे। 

जल मंदिर का इतिहास 

भगवान के सूर्य जब सुबह सूर्य उदय होता है तो सबसे पहली किरण यहां पर पड़ती है। दोस्तों इस मंदिर का निर्माण सन् 1734 में महाराजा जय सिंह ने अपने आमोद-प्रमोद के लिए बनाया था। दोस्तों यहां पुराने समय में एक पानी का बांध हुआ करता था, और फिर कुछ समय बाद सके चारों ओर इस महल की स्थापना की कर दी गई। 

Read More - जयपुर के आमेर किले का इतिहास और घूमने की जानकारी

दोस्तों शुरुआती दिनों में इस महल में कोई नहीं रहता था पर कुछ समय बाद राजाओं ने यहां आने की अनुमति दे दी और दोस्तों बताया जाता है कि पुराने समय में सिर्फ राजा ही यहां पर अपने बेटे के करने आते थे। 

जल महल की जानकारी

दोस्तों पुराने समय में यह लिखकर अपनी काफी सुंदर पवित्र था और उसके बाद 1962 में यहां पर कारखाने के कारण नल छोड़ दिए गए जिसके कारण यहां का पानी काफी अशुद्ध हो गया था , फिर कुछ समय बाद पब्लिक सेक्टर में यहां पर एक काम शुरू किया गया जिसके तहत यहां के पानी को अशुद्ध से शुद्ध में बदलने और यहां के पानी की गुणवत्ता और बिखरना और यहां पर आसपास पहाड़ वगैरा लगाना यह सब इसके अंतर्गत आता था। 

और दोस्तों आज के समय में यहां का पानी काफी हद तक साफ है और इस पानी में कभी मछलियां भी पाई जाती है और अलग-अलग भिन्न-भिन्न प्रकार के बर्ड्स और स्पीशीज भी यहां पर पाई जाती है और यहां के चारों ओर बड़े-बड़े पहाड़ भी अपने को देखने को मिल जाएंगे। 

जल महल जयपुर घूमने की जानकारी

Read More - Best Tips For Amarnath Yatra 2025 in Hindi 

जैसे ही आप जल महल की में गेट में इंटर करोगे तो आपको एंट्रेंस गेट पर ही आपको एक खूबसूरत जल महल का ब्लूप्रिंट और जल महल की पेंटिंग दिखाई देगी जिसमें आपको राजा महारानी झरोखों में बैठे हुई नजर आएंगे कभी खूबसूरत पेंटिंग बनाई गई है। 

दोस्तों इस पेंटिंग में काफी अद्भुत कलाएं करी गई है जैसे कि आपको पुराने समय की समय के अनुसार जो भी चीज होती है वह आपको इसमें पेंडिंग में देखने को मिलेगी, ऑडियो स्टोरी इसी पेंटिंग की दीवार पर आपको जो पुराने समय की जो महीने होते हैं उनके बारे में बताया गया है, ओ साथी इसी पेंटिंग वाली दीवार पर आपको एक पुराने समय का कार्ड भी दिखाई देगा जो की चार्ट चौकड़ी में डिवाइडेड है। 

तो दोस्तों जैसे ही आप इस्केले के अंदर आते हो तो आपको इत्र छोड़कर जाता है क्योंकि दोस्तों यहां पर थोड़ी बहुत बदबू होती है पानी की और दोस्तों इसके साथ ही आप राजा का महल भी देख सकते हो और राजा के महल के आसपास यहां पर जो खूबसूरत पेंटिंग लगी है इसलिए आप देख सकते हैं जो की काफी अच्छी और खूबसूरत दिखाई दे देती है।

 


तो जब आप इस किले में घूमेंगे तो आपको कभी गर्मी फील नहीं होगी क्योंकि दोस्तों इस महल को इस प्रकार से बनाया गया है कि आपको घूमते वक्त गर्मी का अहसास नहीं होगा और यहां पर हवाई भी चलती है, और अगर आप चाहे तो इसे हवा महल भी कह सकते हैं। 

स्कूल के अंदर एक अच्छी पेंटिंग बनी हुई है जिसमें महाराज जय सिंह के समय में मनाए गए गणगौर मेले का भी जिक्र किया जाता है और दोस्तों बताया जाता है कि आज भी इस गणगौर के उत्सव को जयपुर में मनाया जाता है जैसा कि आप हिंदी में देख पा रहे हो ठीक उसी प्रकार के यहां की जो महिलाएं हैं वह नदी किनारे जाकर पूजा वगैरह करते थे। 


जैसा कि आप दोस्तों ऊपर देंगे पेंटिंग से समझ सकते हो कि पुराने समय में भी पिकनिक का भी माहौल हुआ करता था और राजा महाराजा अपनी महारानी के साथ बैठकर पिकनिक मनाते थे और दोस्तों इस पेंटिंग से हमेशा प्रतीत होता है की पिकनिक भी उसे समय मनाई जाती थी। 

इस पेंटिंग में आप जो राजा देख रहे हो राजा का नाम सावंत सिंह है जो की बुंदेल के राजा थे और दोस्तों जैसा कि आप इसमें पेंटिंग में देख पा रहे हो कि राजा महाराजा पुराने समय में होगा हुक्का पिया करते थे जो कि गोल्ड से बना होता था और जिन राजाओं को कुत्ता पालने का शौक होता था वह कुत्ता भी पालते थे और जैसे वहां पेंटिंग में देख पा रहे हो कि इस कुत्ते की गर्दन में लोहे की सॉरी यार चांद गोल्ड की पट्टी भी बंदी पड़ी है और जो हल्का है वह भी गोल्ड का है। 

दोस्तों बात जाता है कि महाराजा सावंत सिंह को गोल्ड से काफी लगा होता जिसके चलते उन्होंने अपनी तलवार को भी गोल्ड से बनाया था और दोस्तों कुछ दूर चलते ही आपके यहां पर खूबसूरत सूर्योदय की पेंटिंग दिख जाएगी जो काफी अच्छी तरीके से बनाई गई है। 

Read More - Kedarnath Yatra 2025

दोस्तों जैसे ही आप इस महल के छठ के ऊपर घूमने जाओगे तो आपको एक खूबसूरत गार्डन दिखाई देगा छोटा सा जो की दोस्तों इस पूरे महल का एक मॉडल है, और इसे आप देखकर यह भी अंदाजा लगा सकते हैं कि इस महल को किस प्रकार से बनाया गया था। 

और दोस्तों इस खूबसूरत बगीचे को देखने के बाद आप इसके लिए के ऊपर बनी हुई अद्भुत और खूबसूरत छतरियां को भी मजा ले सकते हैं देखने का मजा ले सकते हो जो भी काफी अच्छी दिखाई देती है और जो दोस्तों सुबह के समय या और भी चमकने लगती है। 

 Read More - Haridwar Rishikesh Tour Guide in Hindi 2025 - Day 1

जल मंदिर जयपुर कैसे पहुंचे 

दोस्तों जयपुर एक बड़ी सिटी है और अगर आप किसी भी स्टेट या फिर आप किसी भी जिला से बिलॉन्ग करते हो तो वहां से ट्रेन का एक बेटर ऑप्शन पड़ता है और अगर आप चाहे तो एक अच्छी सुविधा के हेतु फ्लाइट बुकिंग भी कर सकते हो, और दोस्तों आप अगर पर्सनल अपनी कर भी लेकर आना चाहे तो भी आ सकते हो जो कि आपको थोड़ा कॉस्टली पड़ेगा तो मेरे हिसाब से जो सबसे बेहतर ऑप्शन होता है वह की होता है ट्रेन का और अगर आप मेरी मां है तो आप ट्रेन से ही जयपुर तक आए। 

निष्कर्ष 

तो दोस्तों आज के आर्टिकल में इतना ही मिलते हैं एक नहीं और टूर में और अगर आपको हमारे द्वारा दिए गए जानकारी पसंद आती है तो प्लीज आप इस आर्टिकल को आगे जरुर शेयर करें और ऐसे ही इनफॉरमेशन जाने के लिए आप हमारे वेबसाइट से जुड़े रहिए। 

एक टिप्पणी भेजें

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

और नया पुराने