उदयपुर के सिटी पैलेस की जानकारी, इतिहास और घूमने लायक अच्छी जगह
हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब तो आज क्या आज इस आर्टिकल में मैं आपको उदयपुर का ऐतिहासिक सिटी पैलेस के बारे में सारी जानकारी दूंगा और साथ ही ट्रैवल गाइड भी दूंगा कि आप यहां पर कैसे आ सकते हो कैसे घूम सकते हो और क्या-क्या चीज देख सकते हो इन सभी चीजों के बारे में मैं आपको फुल डिटेल में इस आर्टिकल में बताऊंगा और साथ ही मैं अपना पर्सनल एक्सपीरियंस भी आपको बताऊंगा।
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संगमरमर से बना यह विशाल महल जो कि पूरे राजस्थान में काफी फेमस है, और इस सिटी पैलेस की स्थापना 16वीं शताब्दी में आरंभ हुई थी, और दोस्तों बताया जाता है कि इस पैलेस को स्थापित न करने का विचार महाराणा उदय सिंह को किसी एक संत ने दिया था।
इस महल को बनाने में लगभग 400 दिन
का समय लगा था और साथ-साथ 22 अलग-अलग राज्यों का योगदान भी इस महल
को बनाने के लिए लगा था, और अब आप सिटी पैलेस को देख सकते हो कि काफी कितना अनोखा और खूबसूरत जो कि पूरे राजस्थान
मेंफेमस है।
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पैलेस उदयपुर कैसे पहुंचे
दोस्तों उदयपुर सिटी पैलेस को देखने के लिए आपको सबसे पहले उदयपुर जिले में पहुंचना होता है और दोस्तों आप चाहे तो यहां पर फ्लाइट या फिर किसी भी ट्रेन के थ्रू ए सकते हो क्योंकि दोस्तों उदयपुर एक बड़ी सिटी है तो कनेक्टिविटी में कोई इशू नहीं रहता है।
आप अगर किसी भी स्टेट से हो तो बाय ट्रेन इजी ले जा सकते हो या फिर आप बसेस या फिर कहां से आ सकते हो। दोस्तों अगर आप उदयपुर बाय ट्रेन से आते हैं तो रेलवे स्टेशन से सिटी सेंटर का डिस्टेंस दो सेट ढाई किलोमीटर तक होता है।
और दोस्तों अगर आप बाय फ्लाइट से आते हो तो महाराणा प्रताप हवाई अड्डे से लगभग 20 मिनट की दूरी पर स्थित है सिटी पैलेस, और आप हवाई अड्डे से किसी भी पर्सनल कर या फिर टैक्सी या कोई ऑनलाइन सीएबी बुकिंग करके आप सिटी पैलेस पहुंच सकते हो।
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उदयपुर में रहने की व्यवस्था
दोस्तों अगर बात करें यहां पर रहने की सुविधा के लिए तो यहां पर आपको लो बजट से लेकर हाई बजट तक रहने की अच्छी सुविधा भी मिल जाएगी। अगर दोस्तों आप को बजट में यहां पर रहना चाहते हो तो यहां पर कई सारी धर्मशाला है आपको मिल जाएगी उसमें से चंपालाल धर्मशाला जिसमें आप दोस्तों केवल ₹300 देकर पर रुपए स्ट कर सकते हो।
और दोस्तों इसके साथ ही आपके यहां पर नीड एंड क्लीन होटल भी देखने को मिल जाते हैं जो की धर्मशाला से थोड़े महंगे होते हैं और साथ ही मैं आपको यहां पर आसपास खाने पीने के भी अच्छी व्यवस्था देखने को मिल जाती है।
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पैलेस उदयपुर टिकट प्राइस
दोस्तों सिटी पैलेस में इंटर करने के लिए आपको एंट्री टिकट से टिकट परचेस करनी रहती है जो कि यहां पर पर पर्सन एडल्ट के लिए 450 रुपए है, और दोस्तों अगर आप एक स्टूडेंट है तो यहां पर आपके लिए एक काफी डिस्काउंट मिल जाता है अगर दोस्तों आपके पास स्टूडेंट आईडी कार्ड है तो, और अगर आप सीनियर सिटीजन है तो यहां पर केवल ₹300 ही आपको पे करने पड़ता है।
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पैलेस उदयपुर में घूमने लायक जगह
इंदौर सिटी पैलेस में घूमने लायक लगभग 12 महल है जिसे घूमने के लिए हमें सिटी पैलेस के त्वरण दूर से एंट्री लेनी होती है। दोस्तों जैसे ही आप तोरण पोल से एंट्री लगे तो सबसे पहले आपको एक मोती चौक दिखाई देगा जो कि इस महल का प्रमुख एक हिस्सा है।
दोस्तों मोती चौक में आपको मेवाड़ के जितने भी महाराज हुए हैं उन सब की फोटो क्रमशः दिखाई गई है और इन सभी को देखने के बाद आपको सिटी पैलेस में स्थित यहां पर म्यूजियम में एंट्री लेनी होती है और दोस्तों एंट्री लेने से पूर्व आपके यहां पर टिकट दिखानी पड़ती है।
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दोस्तों भेजो मैं देखने के लायक सबसे अच्छी जगह है शस्त्रागार जैसे हम आर्मी भी कहते हैं और दोस्तों यहां पर पुराने समय की जो भी शास्त्र प्रयोग में लिए गए थे युद्ध के दौरान वह सभी आज भी उसी तरह इस अवस्था में रखे गए हैं।
रुस्तम म्यूजिक में आप कहीं प्रकार की डाल दे सकते हो और जैसे बता दो मुझे दल की विशेषता यह है कि इस दल को क्रोकोडाइल की खाल और जो कछुए की दाल होती है उसे बनाया गया है जो कि आज भी उसी अवस्था में आपको देखने को मिल जाएगी।
दोस्तों इसमें एक गड्ढा भी महत्वपूर्ण है जो की 5 किलो का है और जो पूरा चांदी से बना हुआ है और साथ में कहीं ऐसी तलवार है जो कि सोने से बनाई गई है। दोस्तों यह सभी हथियार में सबसे महत्वपूर्ण हथियार है पेन गन जो की 90 सेंचुरी में इंग्लैंड से मंगवाया गया था। और स्पेन की खास बात यह है कि इसमें गोली ना होने की वजह एक जहरीले पेन हुआ करती थी जो कि किसी के शरीर में चाटने से उसकी तुरंत मृत्यु हो जाया करती थी।
और दोस्तों कुछ समय थोड़ा दूर चलने पर आपको महाराणा प्रताप के पुराने समय के रियल और इस अवस्था में स्थित आपको कपड़े और वेपंस देखने को मिल जाएंगे जो की महाराणा प्रताप ने युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए थे।
अनुष्का मंदिर के दूसरे कंपार्टमेंट में आपको गणेश जी का एक छोटा मंदिर दिख जाएगा जो की बताया जाता है कि महाराणा करण सिंह द्वारा स्थापित किया गया था, दोस्तों विशेष बात यह है कि इस मूर्ति के चारों ओर जो आप कारीगरी का क्लास देख रहे हैं इसे बेल्जियम से मंगवाया गया था।
और कुछ दूर चलने पर आपको यहां का जो राजा गण देखने को मिलेगा और दोस्तों यहां पर पुराने समय में राज्य अभिषेक किया करते थे, और यहां पर ही यहां का जो प्रसिद्ध मंदिर है गोस्वामी महाराज का ज्योति यहां पर देख सकते हैं।
और दोस्तों इस मंदिर की खास बात यह है कि जब महाराणा उदय सिंह शिकार करने के लिए इसी एरिया में आए थे तो इस मंदिर में बैठे संत से उनकी मुलाकात हुई थी और प्लीज संत ने उदयपुर शहर बनाने का प्रस्ताव दिया था।
और दोस्तों जवाब अभी एक कुंड देख रहे हो इस लघु कुंड कहा जाता है और दोस्तों पता जाता है कि जो महाराणा प्रताप की जो पोते थे महाराणा करण सिंह उनके राज्य अभिषेक इसी कुंड में किया गया था और इस कुंड में लगभग 10000 चांदी के सिक्के भी डाले गए थे।
दोस्तों जो अभी आप रूम देख रहे हो ऐसे ही पुराने समय का डाक घर कहा जाता है और इसी रुम में आपको कहीं भी काफी सारे कबूतर के पिंजरे दिखाई दे रहे होंगे और इसी में ही यहां पर कबूतर बैठते थे और कबूतरों से ही चिट्ठियों को यहांवहां भेजा जाता था। दोस्तों यह जो महल है वह केवल राजघराने के परिवार के लोगों के लिए एंजॉय करने के लिए बनाया गया था।
कुछ लोग चलते हैं आपको एक ग्रुप दिखाई देगा जिसने महाराणा प्रताप सिंह का स्टेचू बनाया हुआ है और उसको बता दे की फतेहसागर झील का ही निर्माण खिलौने करवाया था, इस महल में बने कहीं ऐसे झरोखे हैं जहां से उदयपुर पूरा नजर आता है।
दोस्तों ऊपर से देखने पर सिटी पैलेस एक जहां दिखाई देता है और दोस्तों बता देगी लगभग 40% जो एरिया है वह यहां के प्राइवेट प्रॉपर्टी और कुछ राज करने के निवास स्थान है और तो 60% एरिया है वह आज के समय में लोग टूरिस्ट पॉइंट के नाम से जानते हैं।
दोस्तों तो नीचे आप फोटो में देख रहे हो राजस्थान का यूनिक रूप में है जो कि पूरे कांच का बनाया गया है और दोस्तों साथी इसका जो फ्लोर है यह भी कांच का बनाया गया है और इसी वजह से यह यूनिक शीशमहल है। और दोस्तों शीश महल के जो दरवाजे हैं वहां हाथी के दांतों से बनाए गए हैं।
थोड़ा दूर चलते ही आपको ढाई सौ साल पुराने बनाए गए पेंटिंग नजर आएंगे जो भी दोस्तों बताया जाता है की नाक किसी पेपर पर बनाई गई है यह केवल दीवारों पर बनाई गई है और इस पेंटिंग को बनाने के लिए ऑर्गेनिक कलर का उपयोग किया गया है। और इस पेंटिंग बनाने के लिए कहीं धातु वजह से सोना चांदी का उपयोग भी किया गया जो कि एकदम असलीहै।
और प्रिंटिंग पैलेस देखने के बाद आप आ जाएंगे बादल महल जो की सिटी पैलेस का काफी ऊंचाई पर बनाया गया महल है, उसे पता चलता है कि मानसून के महीने में के राजा महाराजा के लोग यहां पर आते थे और मानसून के मौसम का मजा लेते थे और दोस्तों इस महल में उपयोग की गई जो टाइल्स है उन्हें चीन से मंगवाया था।
कुछ दूर चलते ही आपको मोती महल नजर आएगा जो कि उसे समय में महाराणा करण सिंह का बेडरूम हुआ करता था और दोस्तों उसे समय का जो पुराना पंखा है वह आज भी उसी अवस्था में आप देख सकते हो, और दोस्तों उस समय बिजली न होने के कारण राजा का कोई आदमी मैन्युअल पंखा चलाया करता था।
और दोस्तों जवाब आप देख रहे हो यह है महाराणा भीम सिंह का प्राइवेट अपार्टमेंट और दोस्तों बताया जाता है कि महाराणा भीम सिंह ने काफी ज्यादा शादियां की थी 18वि सदी के महाराणा ने लगभग 16 साड़ियां की थी, और महाराणा भीम सिंह ने यह वाला अपार्टमेंट अपने प्रमुख करने के लिए बनाया था, जिसमें एक मेकअप रूम के अलावा कोई भी चीज बनाई गई थी।
और दोस्तों यह जो आप देख रहे हो यह पुराने समय में दीवाने आम हुआ करता था जिसमें यहां के राजा जो जनता के प्रॉब्लम का निवारण करते थे और उनको सही आप दिखते थे।
अब जो दोस्तों आप यहां तस्वीर देख रहे हो यह है यहां के आखिरी राजा भोपाल सिंह आखिरी राजा का मतलब यह हे की जब हमारे देश आजाद हो गया था उसके बाद हमारे देश में डेमोक्रेसी आ गई थी तो यह उसके पहले के राजा थे और आखिरी राजा थे उन्होंने उदयपुरपर राज किया था।
और दोस्तों बात जाता है कि यह जो राजा थे या अपाहिज थे क्योंकि दोस्तों उनके जो दोनों पर है वह पोलियो ग्रस्त हो चुके थे और उनके बैठने के लिए इंग्लैंड इंग्लैंड से व्हीलचेयर मंगाई गई थी जब बिजली आ गई थी तो तो उनके लिए एक आधुनिक लिफ्ट भी लगाई थी।
अब जो आप यहां सूर्य की मूर्ति देख रहे हो यह पूरी तरह से सोने की बनाई गई है क्योंकि यहां के जो राजा महाराजा थे वह सूर्यवंशी थे तो जब मौसम खराब होने के कारण सूरज ना देख ना पाते तो यह सूर्य देखकर भोजन ग्रहण करता थे।
निष्कर्ष
दोस्तों कैसे अपने जाना की उदयपुर का सिटी पैलेस अपने आप में एक खूबसूरत और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है जहां पर लाखों की संख्या में लोग हर साल घूमने के लिए और यहां की कलाएं,संस्कृति और पुराने समय के राजा महाराजाओं के बारे में जानने आते हैं, और अगर आप को भी घूमने का शौक है तो आप एक बार उदयपुर जरूर आकर ट्राई करें
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तो दोस्तों आशा करता हूं आपको हमारे
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