सहेलियों की बाड़ी उदयपुर घूमने की जानकारी
नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब स्वागत करता हूं आपका हमारे इस न्यू ब्लॉक में और दोस्तों इस ब्लॉक में आपको उदयपुर का एक और बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस सहेलियों की बड़ी के बारे में बताने वाला हूं।
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और साथ ही मैं आपको यहां पर आपको कैसे आना है और एंट्री फीस क्या है और कितना खर्च हो सकता है इसके सब के बारे में मैं आपको बताऊंगा। तो अगर आपको यह हमारे द्वारा दिल की जानकारी पहनती है तो प्लीज आपसे आगे जरुर शेयर करें।
सहेलियों की बाड़ी राजा महाराजा द्वारा बनाया गया एक शाही भाग है जो की बहुत ही खूबसूरत है और दोस्तों बता दे की सहेलियों की बाड़ी में आपको काफी सारे माउंटेंस देखने को मिल जाएंगे और दोस्तों उसकी खास बात यह है कि यह बिना किसी मोटर के चलते हैं।
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सहेलियों की बाड़ी का इतिहास - History of Saheliyon Ki Badi
सहेलियों की बड़ी का निर्माण महाराणा संग्राम सिंह के द्वारा 1710 ईस्वी में किया गया था, दोस्तों सहेलियों की बाड़ी का निर्माण केवल यहां की राजा ने रानियां के लिए करवाया था और दोस्तों बता दे कि उसे समय यहां पर रानियां के अलावा कोई भी नहीं आ सकता था, दोस्तों उसे समय के जो रानियां को अपने महल से बाहर आने की कोई अनुमति नहीं होती थी।
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और इसी कारण को देखते हुए वहां के राजाओं ने अपने अपने रानियों को घूमने और पिकनिक जैसे कार्यक्रम करने हेतु इस सहेलियों की बाड़ी का निर्माण किया, इसमें रानियां और उसकी दासियां आ जा सके, कुछ तो बता दे की सहेलियों की बाड़ी नाम इसी वजह से पड़ा था।
दोस्तों सहेलियों की बड़ी में लगभग पांच अलग-अलग फाउंटेन है और दोस्तों इस फाउंटेन के पीछे बा कहानी है कि जिसमें बताया जाता है कि जो राजा रानियां की जो बेटियां होती थी उनको बारिश बहुत ज्यादा पसंद थी तो बारिश ना होते हुए भी उन्हें बारिश का मजा देने का आनंद लेने के लिए राजाओं ने में फाउंटेन का निर्माण करवाया था।
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सहेलियों की बाड़ी में घूमने लायक जगह - Place to Visit in Saheliyon Ki Badi
दोस्तों सबसे पहले शुरुआत करते हैं वॉटर फाउंटेन से उसको बताते हैं कि यहां पर लगभग पांच वॉटर फाउंटेन है जिसमें सबसे पहले आता है सावन वॉटर फाउंटेन दोस्तों जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि सावन का कंटेंट फाउंटेन है और दोस्तों बता दे कि यहां पर जब फाउंटेन से पानी आता है तो ऐसा प्रतीत होता है कि मानो असली में बरसात आ रही हो।
इस फोटो में जो आप छतरियां देख रहे हो इसमें पुराने समय में राजा की बेटियां, राजा की पत्नी और साथ ही साथ पत्नी की सहेलियों और दासी भी यहां आकर इस फाउंटेन का आनंद लेते थे। और दोस्तों जब भी आप इसके पास से गुजरते हो तो एकदम ठंड का माहौल होता है भले गर्मी का मौसम हो, और अगर आप यहां घूमने आते हो तो आपको सावन के महीने के जो भादो का समय आता है वैसा ही आपके यहां पर फील होगा।
दोस्तों सहेलियों की बाड़ी मैं आप ज्यादातर बाग बगीचे ही देखोगे क्योंकि दोस्तों यहां पर सबसे पहले सहेलियों की बाड़ी को पहले एक पार्क के रूप में बनाया गया था, इसमें रानियां और उसकी सहेलियां घूम कर सके।
दोस्तों थोड़ा और दूर चलने के बाद आप सावन भादो फाउंटेन फोन पहुंचेंगे और दोस्तों यहां पर भी आपको ऐसा ही फील होगा जैसा कि भादो के महीने में जो बारिश आती है, इसका असली मजा आपको अगर गाइड हायर करते हो तो वह अनुभव करवा सकता है, और दोस्तों ऐसे भड़क हमारे भी कहते हैं।
दोस्तों यहां आने के बाद आपको काफी अच्छा फील होगा क्योंकि दोस्तों यहां पर वॉटर फाउंटेन है वह पूरी तरह से हरियाली और पेड़ पौधों से घिरा हुआ है, और आने के बाद आपको एकदम स्वर्ग जैसा फील होगा। थोड़ा दूर और चलने के बाद आप आ जाएंगे कमर तलाई।
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कुछ तो बताया जाता है कि पुराने सामान नए राजा की रानियां के साथ यहां पर डालने के लिए आते थे क्योंकि दोस्तों यहां पर जो वॉटर फाउंटेन को पूरी तरह से कौन तेरे में बनाया हुआ है और जो गैर के ऊपर थोड़े-थोड़े बड़ी की डॉट है वहां से जो है पानी ऊपर आता है और बीच में पूरी तरह से घास वगैरा रखी गई जैसे कि आप पिक्चर में दे सकते हो।
कमल कलाई की विशेषता यह है कि जब आप यहां आते हो और तालियां बजाते हो तो वॉटर फाउंटेन का जो लेवल है वह इंक्रीज हो जाता है और जो उसकी स्पीड है वह भी इंक्रीज हो जाती है जो की एक अद्भुत कारनामा है। और दोस्तों इसके पीछे की साइंस जानने के लिए आपको यहां पर गाइड हायर करना पड़ेगा, जो कि आपको पूरी डिटेल से समझाएगा। तो भाई सब चलते हैं रासलीला चौक की तरफ।
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दोस्तों पहले के समय में राजा महाराजा अपनी त्यौहार रासलीला चौक में ही सेलिब्रेट करते थे, और रासलीला चौक में भी हमको कई प्रकार के और भी अलग-अलग फाउंटेन दिखाई देंगे फतेहसागर झील से आता है, और यहां भी राजाओं की बेटियों की जगह थी कि फतेहसागर का ही पानी फाउंटेन से आए। दोस्तों फाउंटेन से पानी आने का एकमात्र रीजन है फतेहसागर झील और सहेलियों की बाड़ी का जो लेवल है वह ऊपर नीचे है जिसकी वजह से पानी फाउंटेन में से निकलता है।
सहेलियों की बाड़ी कैसे पहुंचे - How To Reach Saheliyon Ki Badi
दोस्तों आज में समय अगर कहा पर भी रहते तो ट्रेन और बस तो जरूर होगी तो आपको सबसे पहले बस या फिर ट्रेन से उदयपुर आना होगा और उसके बाद आपको उदयपुर से ही ऑलिन टैक्सी और फिर कोई ऑटो रिक्शा बुक करके आपको और सहेलियों की बाड़ी आसानी से आ सकते हो दोस्तों सहेलियों की बाड़ी उदयपुर से लगभग 4 किलो मीटर है और किराया डिपेंड करता हे कि आप कितने कम करवा सकते हो।
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सहेलियों की बाड़ी घूमने का समय - Saheliyon
Ki Badi Udaipur Timings
दोस्तों वैसे तो राजस्थान में इसी कई जगह है जहां पर सर्दियों में जाना सही होता है परंतु अगर आप स्पेशली सहेलियों की बाड़ी घूमने आते हो तो आप किसी भी समय आ सकते हो क्योंकि कहा का जो मौसम है वह हर वक्त ठंडा ही रहता है, और सहेलियों की बाड़ी को आप सुबह से समय में अच्छे से एक्सप्लोर कर सकते हैं।
सहेलियों की बाड़ी घूमने का खर्चा -
Saheliyon Ki Bari Udaipur Ticket Price
दोस्तों आपको सहेलियों की बाड़ी घूमने के लिए कुछ चार्ज देने पड़ता है जो कि 30 रुपए प्रति व्यक्ति भारतीय के लिए है, और विदेशी पर्यटन के यहां 100 रुपए प्रति व्यक्ति हैं रखा गया है।
