पटवा हवेली की पुरी जानकारी - Complete information about

Swarup Bhargav
0

 

पटवा हवेली की पुरी जानकारी - Complete information about

दोस्तों आज के आर्टिकल में मै आपको शाही शानदार पटवा हवेली के बारे में पूरी जानकारी दूंगा तो मेरा आपसे निवेदन 🙏है इस इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।

 


पटवा हवेली का निर्माण - Patwa Haveli ka Nirman
पटावो की हवेली का वर्तमान काल में राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है और यह अनोखी और अद्भुत बनाई गई है इसका निर्माण गुलाबचंद पटवा द्वारा वर्ष 1805 मैं 5 पुत्र के लिए करवाया गया था। और में आपको बता दूं कि श्री गुलाबचंद पटवा जो की जैसलमेर के एक आभूषण के प्रसिद्ध व्यपारी भी थे।


पटवा हवेली की पूरी जानकारी -
पटवा हवेली राजस्थान में एक पर्यटक स्थल माना जाता है जो कि जैसलमेर जिले में स्थित है पटवा हवेली एक इसी हवेली है जिसमें राजा महराजाओं कई ऐसी पुरानी वस्तूए जिन्हे देखने की भी फीश लगती है,इस हवेली में पुरानी कई चीजें है, जैसे पुराने कक्ष, पुरानी वस्तुएं, पुराने आभूषण,और भी इसी बहुत सी पुरानी चीजें है, जिन्हे पर्यटक देखने यहां आते है।

 

और ये हवली पांच हवलियो से मिलकर बनी है। और ये हवेली जैसलमेर जिले की सबसे बड़ी विशेष हवेली मनी जाती है। पटवा हवेली के दो महत्व पूर्ण द्वार है जो कि दोनों आमने - सामने ही है,और पटवा हवेली में पर्यटकों के लिए दो विश्राम स्थल बनाए गए है और आप पटवा हवेली में इंटर करते हो तो आपको वह बैठक स्थल दिखाई देते है

 


और कभी - कभी वहां पर करिक्रम और खेल दिखाया जाता है ,और वहां पर ऐसे कलाकार भी है जो गाना गार आपका मनोंजन करते हैं, अगर आप जैसलमेर आते हो तो इस हवेली  का भ्रमण करना मत भूलना यहां आपको जरूर आना चाहिए। क्योंकि यहां अच्छी - अच्छी चीजें दिखाई देते है। इस हवेली में राजा का महल और रानी का महल भी है यहां पर इस स्थल पर करीक्रम और अजीब प्रकार के खेल भी होते रहते है

 

और ये हवेली जैसलमेर के दुर्ग के ठीक 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अगर आप जैसलमेर के दुर्ग से पटवा हवेली जाना चाहते हो तो आप टैक्सी किराए पर लेकर दुर्ग से पटवा हवेली और जैसलमेर के कई पर्यटक स्थल धूम सकते हो और ये एक टूरिस्ट पॉइंट भी है अगर आपको इस हवेली के बारे में अच्छी तरीके की जानकारी प्राप्त करनी है तो फिर आपको एक जैसलमेर का एक गाइड पर्चेज करना पड़ेगा और आप जैसलमेर के सभी हवेलियों और पर्यटक स्थलों के बारे में जान सकते हो।


पटवा हवेली की वास्तविकता - Reality of patwa haweli
पटवा हवेली की वास्तविकता का वर्णन करे तो जिस पत्थर से इस हवेली का निर्माण करवाया गया है वह पत्थर अच्छे गुणों वाला और चिकने पत्थर है, और इसका भी पत्थर ठीक उसी तरीके का है जिसे किली का निर्माण करवाया गया था, और इसका रंग हल्का पीला है, सूरज की रोशनी जब इस पर पड़ती है तो ये चमक ने लगता है। इसकी कारीगरी इतनी अच्छी तरीके से की गई है कि यहां पर आने वाला हर पर्यटक इसकी कारीगरी को देखता ही रह जाएं।

 

अगर बात की जाए इस हवेली के अन्दर कमरों की कारीगरी की तो इस हवेली के कमरों की कारीगरी इतनी अच्छी और आश्चर्य चकित कर देने वाली है क्योंकि इन कमरों को कांच के टुकड़े और कई धातुआे से इसे बनाया गया है, इन कमरों को इसलिए इतना सजाया जाता था क्योंकि ये कमरे रानियों के लिए बनाए गए जाते थे और इस पूरी पटवा हवेली का निर्माण जैसलमेर के पीले पत्थर से करवाया गया है


पटवा हवेली में देखने लायक चीजें - Things to see in Patwa haveli
अगर आप पटवा हवेली का पूरा भ्रमण करते हो तो आपको अनेक पुरानी वस्तुएं देखाई देगे। कुछ वस्तुएं हवेली के अंदर और कुछ वस्तुएं हवेली में दिखाई देती है जो वस्तु हम हवेली में देखते है वह है कठपुतलियां,पगड़ी,और छोटी मोटी वस्तुएं देखते है और हवेली के अंदर हम राजा महा राजाओं के ज़माने की पुरानी वस्तुएं देखते है।

 


पटवा हवेली में धूमने का समय - Perfect time to visit Patwa Haveli
अगर आप जैसलमेर आते हो और आपने पटवा हवेली धुमे का प्लान बना लिया है आप 9:00 से 7:00 बजे तक धूम सकते है और आप बारिश के मौसम में धुमे जाते ही तो सबसे अच्छा समय 5:00 बजे का सही समय होता है और इस हवेली पर एक छत भी है जिससे आप इस हवेली के आस पास का नजारे का आनन्द दे सकते हो

 


पटवा हवेली में धूमने की फीस -Travel fees in Patwa Mansion
अगर आप इस हवेली धूमने के लिए आते हो तो यहां पर एक व्यक्ति की फीस 20 रुपए होती है और आप एक कैमरा लेजाते हो तो आपको इस कैमरे का भी किराया देना पड़ता है और वो किराया 20 रुपए का होता है और वह आपको टिकट के तौर पर आपको एक पीली पर्ची देता है। इस हवेली के अन्दर और बाहर हैंडीक्राफ्ट की दुकानें भी है जहां से आप हैंडीक्राफ्ट का सामान खरीद सकते है


पटवा हवेली में पर्यटक  कब आते हैं -When do tourists come to Patwa Haveli
पटवा हवेली या जैसलमेर में कहीं पर भी स्थित हवेलियां या दर्शनीय स्थल और किले देखने के लिए पर्यटक अक्टूबर के महीने में आना शुरू हो जाते है क्योंकि अक्टूबर के महीने से मौसम ठंडा होता है और मार्च के महीने से पर्यटक चले जाते है क्योंकि मार्च के महीने से गर्मियों का मौसम चालू होने लगता है

 

धन्यवाद दोस्तो आपका ये आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगता है तो कृपया आप इस आर्टिकल के बारे कुछ कॉमेंट करे🙏🙏

 

Tags
  • और नया

    पटवा हवेली की पुरी जानकारी - Complete information about

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

3/related/default